रेजिस्टेंस ट्रेनिंग: जानिए इस वर्कआउट के फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
रेजिस्टेंस ट्रेनिंग सबसे लोकप्रिय वर्कआउट में से एक है। इसके लिए आप डंबल्स और रजिस्टेंस बैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वर्कआउट मांसपेशियों को मजबूती देने और सहनशक्ति में सुधार करने में काफी मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह मेटाबॉलिज्म को तेज करके कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है। इस वजह से इसे अपने फिटनेस रूटीन का हिस्सा बनाना लाभदायक हो सकता है। आइए इस वर्कआउट से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
आसान है रजिस्टेंस ट्रेनिंग वर्कआउट
रजिस्टेंस ट्रेनिंग काफी हद तक इस सिद्धांत पर आधारित होती है कि रजिस्टेंस या बल पर काबू पाने के लिए शरीर की मांसपेशियां एक साथ काम करें। जब इसे नियमित अंतराल पर किया जाता है तो मांसपेशियां को मजबूती मिलने लगती है। इसके लिए आप वेट मशीन, मेडिसिन बॉल्स, रजिस्टेंस बैंड या फ्री वेट डंबल आदि उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रजिस्टेंस ट्रेनिंग से मिलने वाले लाभ
रजिस्टेंस ट्रेनिंग का रोजाना अभ्यास करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। यह वर्कआउट वजन घटाने, मेटाबॉलिज्म के स्तर को सुधारने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में काफी मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह शारीरिक संतुलन को ठीक करने समेत हड्डियों का घनत्व भी बढ़ाता है और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी उपयोगी है।
रजिस्टेंस बैंड चुनते समय बरतें सावधानी
अगर आप इस वर्कआउट के लिए रजिस्टेंस बैंड को चुनते हैं तो इसके लिए अधिक टाइट रेजिस्टेंस बैंड का इस्तेमाल करने से बचें। इससे एक्सरसाइज करने में काफी परेशानी हो सकती है। दरअसल, ऐसे बैंड के इस्तेमाल से शरीर पर अधिक दबाव पड़ता है और इस कारण कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। एक्सरसाइज के लिए थोड़े ढीले रेजिस्टेंस बैंड बेहतरीन होते हैं।
एक शेड्यूल बनाएं
वर्कआउट को फिटनेस रूटीन में शामिल करने के लिए एक शेड्यूल बनाएं। अगर आप शुरुआती दौर में हैं तो हफ्ते में दो दिन इस वर्कआउट का अभ्यास करना सुनिश्चित करें, जबकि नियमित वर्कआउट करने वाले लोग हफ्ते में चार-पांच दिन कर सकते हैं। इस वर्कआउट में स्क्वैट्स, पुश-अप्स और प्लैंक जैसी एक्सरसाइज की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, इस वर्कआउट के दौरान अपनी क्षमतानुसार वजन उठाएं और हमेशा हाइड्रेट रहें।